आदर्श पुत्र: राजा राम ने अपने माता-पिता, राजा दशरथ और कौशल्या का हर तरह से सम्मान किया और उनकी आज्ञा का पालन किया। यहां तक कि जब उन्हें 14 साल के वनवास के लिए निर्वासित किया गया, तो उन्होंने बिना किसी विरोध के इसे स्वीकार कर लिया।
न्यायप्रिय राजा: राजा राम एक आदर्श राजा थे, जिन्होंने अपने प्रजा की भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने न्यायपूर्वक शासन किया और सभी के साथ समान व्यवहार किया। उनकी प्रजा उनसे प्रेम करती थी और उन्हें रामराज्य के रूप में उनके शासनकाल को स्वर्ण युग मानती थी।
प्रभु श्री राम के अवतार: हिंदू धर्म में मान्यता है कि विष्णु भगवान ने धर्म की स्थापना और राक्षसों का नाश करने के लिए राजा राम के रूप में अवतार लिया था। उनकी दिव्यता और पवित्रता के कारण उन्हें भगवान विष्णु का पूर्ण अवतार माना जाता है।