सुरक्षा: बिटकॉइन ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जो एक बेहद सुरक्षित और पारदर्शी लेज़र है। हर लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉकचेन पर होता है, जिससे इसकी प्रामाणिकता और अपरिवर्तनीयता सुनिश्चित होती है।  

विकेंद्रीकरण: बिटकॉइन का कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है, जैसे कि बैंक या सरकार। इसका मतलब है कि लेनदेन सीधे दो पक्षों के बीच होते हैं, जिससे तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की संभावना कम हो जाती है।  

सीमित आपूर्ति: बिटकॉइन की अधिकतम आपूर्ति 21 मिलियन तक सीमित है। इसका मतलब है कि समय के साथ बिटकॉइन की कीमत बढ़ने की संभावना है, क्योंकि मांग आपूर्ति से अधिक हो जाएगी।  

तेज़ और सस्ते लेनदेन: बिटकॉइन का उपयोग करके पारंपरिक तरीकों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन तेज़ और सस्ते हो सकते हैं। बैंकों या अन्य मध्यस्थों की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे लेनदेन शुल्क कम हो जाता है। 

निवेश विकल्प: बिटकॉइन परंपरागत निवेशों जैसे सोने या स्टॉक्स के विकल्प के रूप में काम कर सकता है। यह अस्थिर होने के लिए जाना जाता है, लेकिन लंबे समय में इसके उच्च रिटर्न का इतिहास रहा है।  

नवाचार की क्षमता: बिटकॉइन ब्लॉकचेन तकनीक नवाचार के लिए कई संभावनाएं खोलती है। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, विकेन्द्रीकृत अनुप्रयोग (डीएपी), और अन्य वित्तीय सेवाएं सभी बिटकॉइन तकनीक पर आधारित हो सकती हैं।